धार्मिक युवा क्लब दाड़लाघाट की ओर से चौथे दिन धनुष भंग और परशुराम-लक्ष्मण संवाद लीला का मंचन किया गया। परशुराम और लक्ष्मण का संवाद सुनकर दर्शक रोमांचित हो गए। शुक्रवार की रात रामलीला में मिथिला में सीता के स्वयंवर का आयोजन हुआ। इसमें दूर-दूर से राजा आते हैं। राजा जनक प्रण लेते हैं कि जो भी राजा शिव के अजगव धनुष को तोड़ेगा, सीता उसी को वरमाला पहनाएंगी।
तमाम प्रयासों के बाद भी जब कोई राजा धनुष तोडऩा तो दूर हिला भी नहीं पाता है। तब राजा जनक व्याकुल हो जाते हैं। इसके बाद गुरु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर श्रीराम धनुष को उठाकर प्रत्यंचा खींचते हैं। इससे धनुष टूट जाता है। धनुष टूटने के बाद भगवान परशुराम पहुंचते हैं और क्रोधित होकर शिव का धनुष तोडऩे वाले को अलग करने की चेतावनी देते हैं। इसके बाद परशुराम और लक्ष्मण में संवाद शुरू होता है जिसे देखकर दर्शक रोमांचित हो गए।

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