आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को अक्सर शरीर के लिए सुरक्षित और प्राकृतिक माना जाता है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि हर जड़ी-बूटी सभी के लिए फायदेमंद नहीं होती। हाल ही में एक हिपैटोलॉजिस्ट (लीवर विशेषज्ञ) ने बताया कि कुछ जड़ी-बूटियां लीवर के लिए बेहद खतरनाक हो सकती हैं। खासकर ‘गिलोय’ (Tinospora cordifolia)जिसे आमतौर पर गुडुची या अमृता कहा जाता है, लंबे समय तक और ज्यादा मात्रा में लेने पर लीवर को नुकसान पहुंचा सकती है।
क्यों खतरनाक है गिलोय?
गिलोय में अल्कलॉइड्स और बायोएक्टिव कंपाउंड्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बहुत ज्यादा एक्टिव कर देते हैं। ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर यह शरीर में ऑटोइम्यून रिएक्शन पैदा कर सकती है, जिससे लीवर पर सूजन (Hepatitis) हो जाती है। कई केस रिपोर्ट्स में पाया गया है कि गिलोय के लंबे सेवन से लिवर फेलियर तक की स्थिति आ सकती है।
ध्यान रखने योग्य बातें
गिलोय या किसी भी हर्बल दवा का इस्तेमाल डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह के बिना न करें। “नेचुरल” होने का मतलब यह नहीं कि वह हर किसी के लिए सुरक्षित है। जिन लोगों को पहले से लीवर की समस्या है, उन्हें गिलोय से दूर रहना चाहिए। विशेषज्ञ कहते हैं कि- “अगर आप हेल्दी लीवर चाहते हैं, तो किसी भी हर्बल दवा को लंबी अवधि तक बिना मेडिकल गाइडेंस के न लें। गिलोय का सही डोज और सही समय ही इसे फायदेमंद बनाता है, वरना यह नुकसान भी कर सकती है।”

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