आरबीआई की रेपो रेट में कटौती से आर्थिक रफ्तार को मिलने की उम्मीद

 



भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आर्थिक गतिविधियों को मजबूती देने के लिए एक अहम कदम उठाया है। बीते शुक्रवार को आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee – MPC) की 55वीं बैठक के बाद पॉलिसी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 5.50% कर दिया। एमपीसी की यह बैठक 4 से 6 जून तक आयोजित की गई थी। इस फैसले के बाद स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट अब 5.25% हो गई है, जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट दोनों 5.75% तय किए गए हैं। गौरतलब है कि आरबीआई का उद्देश्य है कि मध्यम अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति को 4% के लक्ष्य तक लाया जाए, जिसकी सहनशीलता सीमा ±2% है, और साथ ही आर्थिक वृद्धि को गति दी जाए।


आरबीआई ने अपनी नीति में माना कि वैश्विक स्तर पर अब भी कुछ अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, लेकिन हालिया रुझान उत्साहवर्धक हैं। वहीं शेयर बाजार में भी सुधार, डॉलर इंडेक्स और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी देखी जा रही है, हालांकि सोने की कीमतों में अब भी तेजी बनी हुई हैं।


राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा 30 मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.4% रही, जो पिछली तिमाही (Q3) की 6.4% से अधिक है। इसी तिमाही में वास्तविक सकल मूल्य वर्धन (GVA) 6.8% बढ़ा। वहीं पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रही, जबकि GVA में 6.4% की वृद्धि हुई।


वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आरबीआई ने 6.5% की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है। तिमाही दरों के मुताबिक, Q1 में 6.5%, Q2 में 6.7%, Q3 में 6.6% और Q4 में 6.3% की वृद्धि अनुमानित है। यह अनुमान निजी खपत में निरंतर वृद्धि, स्थायी पूंजी निर्माण में तेजी और सरकारी पूंजीगत व्यय के समर्थन पर आधारित है।


हालांकि, आरबीआई ने यह भी कहा है कि सामरिक तनाव, वैश्विक व्यापार की अनिश्चितता और मौसम से जुड़ी चुनौतियां आगे की वृद्धि में बाधा बन सकती हैं। इसलिए नीति बनाते समय सावधानी और लचीलापन दोनों बनाए रखना आवश्यक है। आरबीआई की यह नीतिगत नरमी ब्याज दरों को कम कर बैंकिंग ऋण को सस्ता बनाएगी, जिससे उद्योग, निवेश और खपत को बढ़ावा मिलेगा। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब देश की अर्थव्यवस्था स्थिर हो रही है और सरकार की ओर से पूंजीगत व्यय में वृद्धि की जा रही है।-(PIB)

आरबीआई की रेपो रेट में कटौती से आर्थिक रफ्तार को मिलने की उम्मीद आरबीआई की रेपो रेट में कटौती से आर्थिक रफ्तार को मिलने की उम्मीद Reviewed by SBR on June 07, 2025 Rating: 5

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